फैक्ट्री वर्कर ने पहले IIT में लिया एडमिशन, फिर UPSC क्रैक कर बन गया IAS ऑफिसर

फैक्ट्री वर्कर ने पहले IIT में लिया एडमिशन, फिर UPSC क्रैक कर बन गया IAS ऑफिसर Factory worker first took admission in IIT, then cracked UPSC and became IAS officer

IAS Officer M Sivaguru Prabakaran Success Story

Factory worker first took admission in IIT, then cracked UPSC and became IAS officer

एम शिवगुरु ने अपने जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद IAS ऑफिसर का पद हासिल करने में सफल रहे थे.

आज के समय में बहुत से लोग भारत में देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. इस परीक्षा को क्रैक कर ऑफिसर का पद हासिल करने वालों की संघर्ष भरी कहानी भी आपने जरूर सुनी होगी, जिससे आपको भी काफी प्रेरणा मिलती होगी. ऐसे ही एक आईएएस ऑफिसर की कहानी लेकर आज हम फिर से आए हैं, जिन्होंने अपने जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद कड़ा संघर्ष किया और अंततः IAS ऑफिसर का पद हासिल करने में सफल रहे.

दरअसल, हम बात कर रहें हैं, एम शिवगुरु प्रभाकरन की, जिनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता ने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे. हालांकि, शिवगुरु के पिता की एक खराब आदत थी. वे काफी ज्यादा शराब पिया करते थे और यही कारण था कि घर का गुजर-बसर करने के लिए परिवार के हर सदस्य को खेतों में काम करना पड़ता था.

शिवगुरु के पिता की शराब पीने की समस्या के कारण, उनकी मां और बहन दिन में खेतों में काम करती थीं और रात में अपना भरण-पोषण करने के लिए टोकरियां बनाती थीं. शिवगुरु ने अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करता देख अपनी पढ़ाई का त्याग करने का फैसला किया और मिल चलाने का काम करने लगे.

शिवगुरु बताते हैं कि “मैं अपनी आकांक्षाओं को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था.” इसलिए अपने भाई की इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए भुगतान करने और अपनी बहन की शादी करने के बाद, शिवगुरु ने 2008 में अपनी खुद की शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया. जिसके बाद उन्होंने वेल्लोर के थंथई पेरियार गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए दाखिला लिया.

बता दें कि यह काफी मुश्किल था क्योंकि शिवगुरु सप्ताह के अंत में पढ़ाई किया करते थे और सेंट थॉमस माउंट स्टेशन के ट्रेन प्लेटफार्मों पर रात भी बितानी पड़ती थी. वहीं, उन्हें अपना गुजर बजर करने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करनी पड़ती थी.

प्रभाकरन का समर्पण और दृढ़ता ही थी, जिस कारण 2014 में उन्हें इसका फल मिला. उन्होंने अपने M.Tech कोर्स को उच्चतम रैंक के साथ पूरा किया और आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में एडमिशन लेने में सफल रहे. प्रभाकरन ने आईआईटी पास करने और एम.टेक पूरा करने के बाद आईएएस बनने के अपने सपने की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया. वे यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपने चौथे प्रयास में सफल रहे और ऑल इंडिया 101 रैंक हासिल कर IAS ऑफिसर बन गए.

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