हमने कच्ची उम्र में भी वो दुःख झेले हैं , जिन उम्र में लोग मोर के पंख किताबों में रखा करते हैं।

हमने कच्ची उम्र में भी वो दुःख झेले हैं , जिन उम्र में लोग मोर के पंख किताबों में रखा करते हैं। We have faced those sorrows even at a young age, Age in which people put peacock feathers in books.

हमने कच्ची उम्र में भी वो दुःख झेले हैं ,
जिन उम्र में लोग मोर के पंख किताबों में रखा करते हैं।

We have faced those sorrows even at a young age,
Age in which people put peacock feathers in books.

अपने दोस्तों को शेयर करें, शिक्षा को फैलाएं और जन-जन को शिक्षित बनायें और देश को डिजिटल इंडिया बनाने में अपना योगदान करें।