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आप सब को ईद मुबारक
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ईद मुस्लिम समुदाय का सबसे प्रमुख त्योहार है। भारत के साथ साथ कईं देशों में भी ईद का त्योहार मनाया जाता है। एक महीने के रोजे रखने के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। कहा जाता है कि अल्लाह ने रमजान के 30 रोजे रखने पर इनाम के तौर पर खुशियों का पर्व ईद उल फितर दिया। ईद का पर्व रोजे के समापन का प्रतीक माना जाता है और इसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है।
कब होती है ईद?
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान साल का नौवां महीना होता है और दसवां महीना शव्वाल होता है और इसी महीने के पहले दिन इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग ईद मनाते हैं। आज मंगलवार यानी 9 अप्रैल को अगर चांद दिखाई देता है तो ईद का त्योहार कल 10 अप्रैल 2024, दिन बुधवार को मनाया जाएगा, लेकिन आज ईद का चांद न दिखने पर कल 10 अप्रैल को फिर रोजा रखा जाएगा और ईद का त्योहार फिर गुरुवार 11 अप्रैल को मनाया जायेगा।
ईद मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
माना जाता है कि 624 ईस्वी में पहली बार ईद मनाई गई थी और यह ईद पैगंबर मुहम्मद ने मनाई थी। इस ईद को ईद उल-फितर के नाम से जाना जाता है। ईद उल-फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद बद्र की लड़ाई से विजयी हुए थे तब लोगों ने पैगंबर की सफलता पर अपनी खुशी जाहिर करने के लिए आपस में मिठाइयां बांटी और विभिन्न प्रकार के भोजन बनाए।
ईद के दिन मुस्लिम लोग रमजान खत्म होने की खुशी मनाते हैं और कुरान के लिए अल्लाह का आभार व्यक्त करते हैं। इस्लाम में ईद के त्योहार के दौरान पांच सिद्धांतों का पालन करना सबसे जरूरी माना जाता है। ये पांच सिद्धांत हैं नमाज़ पढ़ना, हज यात्रा, ईमान, रोजा और जकात। इस्लामिक प्रथा के अनुसार ईद की नमाज अदा करने से पहले हर मुस्लिम व्यक्ति को दान या जकात देना जरूरी होता है।