Which king built the Iron Pillar located near Qutub Minar?
कुतुबमीनार के पास स्थित लौह स्तम्भ किस राजा ने बनवाया था ?
कुतुबमीनार के पास स्थित लौह स्तम्भ राजा चन्द्रगुप्त द्वितीय ने बनवाया था।
दिल्ली का लौह स्तम्भ, दिल्ली में क़ुतुब मीनार के निकट स्थित एक विशाल स्तम्भ है। यह अपनेआप में प्राचीन भारतीय धातुकर्म की पराकाष्ठा है। यह कथित रूप से राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 375 – 413) से निर्माण कराया गया, किन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पहले निर्माण किया गया, सम्भवतः 912 ई.पू. में।
लगभग १६०० से अधिक वर्षों से यह खुले आसमान के नीचे सदियों से सभी मौसमों में अविचल खड़ा है। इतने वर्षों में आज तक उसमें जंग नहीं लगी, यह बात दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय है। जहां तक इस स्तंभ के इतिहास का प्रश्न है, यह चौथी सदी में बना था।लौह स्तम्भ 23 इंच व्यास वाली 23 फीट 8 इंच ऊंची एक संरचना है, जिसे “राजा चंद्र”, चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा बनाया गया था, और अब दिल्ली में महरौली में कुतुब परिसर में खड़ा है।
यह इसके निर्माण में प्रयुक्त धातुओं की जंग-रोधी प्रकृति के लिए जाना जाता है।
स्तंभ का वजन छह टन से अधिक है और माना जाता है कि इसे कहीं और बनाया गया था, शायद उदयगिरी गुफाओं के बाहर, और बाद में दिल्ली सल्तनत द्वारा अपनी वर्तमान स्थिति में स्थानांतरितकिया गया गया।
स्तंभ में विभिन्न अवधियों के कई शिलालेख हैं, जिनमें से कुछ को प्रमुख स्थान और स्तंभ की आसान पहुंच को देखते हुए व्यवस्थित रूप से जांच नहीं की गई थी।
स्तंभ पर सबसे पुराना शिलालेख चंद्र नामक एक राजा का है, जिसे आमतौर पर चंद्रगुप्त द्वितीय, गुप्त सम्राट के रूप में जाना जाता है।