Central Reserve Police Force (केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल)
संक्षिप्त इतिहास
केन्द्रीय प्रशिक्षण महाविद्यालय, कोयम्बटूर 01 सितम्बर 1969 को आवड़ी (तमिलनाड़ु) में अस्तित्व में आया एवं वर्ष 1975 एवं 1997 के बीच यह संस्थान देश के विभिन्न स्थानों जैसे नीमच (मध्यप्रदेश), देओली (राजस्थान) में स्थापित रहा एवं पुन: आवड़ी और अंतत: दिनांक 01 मई 1997 से यह कोयम्बटूर में स्थापित है।
यह संस्थान नीलगिरी पहाड़ियों के बीच एक विशाल और सौम्य परिसर में स्थित है। यह महाविद्यालय कोयम्बटूर में स्थापित होने के उपरांत बहुत ही कम समय में केरिपुबल के “मुख्य प्रशिक्षण संस्थान” के रूप में विकसित हुआ है। यह संस्थान 400 एकड़ वर्ग क्षेत्र में फैला है, जिसमें उद्देश्यपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए सभी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध है।
संगठन
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में ब्रिटिश भारत के खिलाफ विद्रोह को कुचलने के लिए सिर्फ एक बटालियन के साथ की गई थी। सरकार के शक्तिशाली हथियार के रूप में इसकी निरंतरता के महत्व और मिनी भारत की इसकी अनूठी विशेषता को महसूस करते हुए, क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस को 1949 में तत्कालीन उप की एकमात्र पहल के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस के रूप में फिर से नामित किया गया था। प्रधान मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल।
अब यह 225 बीएन और 3 लाख से अधिक कर्मियों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) है जो मिशन के साथ बल की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए दिन-रात सेवा कर रहा है।
सीआरपीएफ का मिशन संविधान की सर्वोच्चता को बरकरार रखते हुए राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने और सामाजिक सद्भाव और विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार को कानून, सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावी ढंग से और कुशलता से बनाए रखने में सक्षम बनाना होगा।
भारत के नागरिकों की मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता के लिए अत्यंत सम्मान के साथ इन कार्यों को करने में, बल स्वयं के ऊपर सेवा और वफादारी को रखकर आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय आपदाओं के प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करेगा।