हो के मायूस, यूँ ना अपने इरादे बदल…!! तेरी किस्मत, कभी भी बदल सकती है…।।
डर गए…?
किस बात का डर है तुमको ?
अरे खोने के लिए है क्या तुम्हारे पास ?….. कुछ है ..? ….. नहीं ना…!
तो किस बात का डर है ?
भूख से , थकान से , बुखार से मर थोड़े ही जाओगे….
अरे! मर तो उसी दिन गए थे जिस दिन गरीब के घर पैदा हुए थे।
बुझी शमा भी जल सकती है,
तूफानों से, कश्ती भी निकल सकती है।
हो के मायूस, यूँ ना अपने इरादे बदल…!!
तेरी किस्मत, कभी भी बदल सकती है…।।
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