अनपढ़ होना उतनी बुरी बात नहीं है लेकिन पढ़ा लिखा होकर भी अंधविश्वासी, पाखंडी और मूर्ख होना बड़ी ही चिंता का विषय है।
अनपढ़ होना उतनी बुरी बात नहीं है लेकिन पढ़ा लिखा होकर भी अंधविश्वासी, पाखंडी और मूर्ख होना बड़ी ही चिंता का विषय है। -पेरियार (इरोड वेंकटप्पा रामासामी)