दुनियाँ के अधिकतर लोग खुद की असफलता की वजह जीवन में संसाधनों की कमी को बताते हैं। उनका मानना होता है कि अगर उन्हें सारी सुख सुविधाएं मिलतीं तो वो जीवन में कुछ बेहतर कर सकते थे। दुनियाँ में ऐसे लोग भी हैं जो कभी भी कमियों के बारे में नहीं सोचते। उनकी सोच सिर्फ सफल होना होती है। वे मेहनत करते हैं और सफलता पा लेते हैं।
किसी इंसान की सफलता उसके मजबूत इरादों से ही संभव है, यदि इंसान मन में ठान ले, तो ऐसा कोई काम नहीं जो वो नहीं कर सकता। इसीलिए कहते हैं कि –
“मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है।
पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है”।
ऐसे ही एक इंसान हैं केरल के मुन्नार के रहने वाले श्रीनाथ जो कि एक मूल निवासी हैं।
श्रीनाथ पेशे से एक कुली हैं, वो मन में UPSC करने का ठान चुके थे, लेकिन उनकी आमदनी इतनी नहीं थी कि वो इसकी कोचिंग की भारी भरकम फीस भर सकें।
जानिए कैसे इन सबके बावजूद श्रीनाथ ने संघर्ष के जरिए सफलता की नई कहानी रची और आईएएस अफसर बन गए।
कुली का करते हैं काम
श्रीनाथ केरल के मुन्नार के एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। अपने परिवार का पेट पालने के लिए लिए श्रीनाथ केरल के एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे, वहां इनकी पहचान कुली नंबर 343 थी।
वे 2 शिफ्टों में काम करते थे, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी आमदनी रोजाना 400 से 500 रुपये ज्यादा नहीं हो पाती थी। इन सबके बावजूद श्रीनाथ के हौंसले बहुत ऊँचे थे और उन्होंने जीवन में हार नहीं मानी।
स्टेशन के फ्री WiFi से की पढ़ाई
सिविल सेवा की परीक्षा यानी UPSC एक चक्रव्यूह की तरह है, तो श्रीनाथ वो अभिमन्यु हैं जो बिना किसी की मदद के ना केवल इस चक्रव्यूह में घुसे बल्कि इसे पास भी किया। एक तरफ जहां हर साल लाखों स्टूडेंट्स इस कठिन परीक्षा को पास करने के एक से बढ़ कर एक कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा लेते हैं।
श्रीनाथ के पास UPSC की कोचिंग और स्टडी मटेरियल खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। तभी सरकार देश के रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाईफाई की सुविधा देने पर विचार कर रही थी और जनवरी 2016 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर यह सुविधा शुरू की। धीरे-धीरे देश के कई रेलवे स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू हो गयी।
जब एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर फ्री वाईफाई की सुविधा आयी, तब श्रीनाथ ने इसका पूरा लाभ लेने का मन बना लिया। श्रीनाथ ने एक स्मार्टफोन खरीदा और रेलवे के फ्री वाईफाई से UPSC के ऑनलाइन लेक्चर अटेंड किये। इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेट पर फ्री में मौजूद स्टडी मटेरियल डाउनलोड किया।
वे स्टेशन पर अपना काम भी करते और जैसे ही उन्हें समय मिलता, ऑनलाइन लेक्चर देखते या स्टडी मटेरियल पढ़ने लग जाते।
बहाने बनाना बंद करें,
इसके बजाय संभावित विकल्प चुनें
ऐसे मिलती कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा
2018 में श्रीनाथ के यहाँ बेटी का जन्म हुआ। श्रीनाथ को हमेशा लगता कि कुली का काम करके वे अपनी बेटी को एक अच्छा भविष्य नहीं दे सकते। वे हमेशा सोचते थे कि उनकी कम आय की वजह से कहीं उनकी बेटी को अपने भविष्य से समझौता ना करना पड़े।
यही कारण है कि उन्होंने अपना काम करते करते UPSC की तैयारी की। जल्द ही श्रीनाथ की मेहनत रंग लाने लगी और जल्द ही उन्होंने केरल पीएससी की परीक्षा पास कर ली। वे सिर्फ इससे संतुष्ट नहीं हुए और लगातार UPSC की तैयारी करते रहे और उन्होंने अपने चौथे प्रयास में UPSC पास कर ली।
श्रीनाथ की इस उपलब्धि पर तत्कालीन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल जी ने भी ट्वीट कर उनकी प्रशंसा की थी। आज श्रीनाथ युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके हैं।
रेलवे के निःशुल्क WiFi से केरल में कुली का कार्य करने वाले श्रीनाथ के जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आया है, स्टेशन पर उपलब्ध WiFi के उपयोग से उन्होंने तैयारी कर प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है, मैं उनकी सफलता पर उन्हें बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता हूँ। pic.twitter.com/fiAErjO2x0
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) May 9, 2018