हरित क्रांति – Green Revolution

हरित क्रांति - Green Revolution

हरित क्रांति – Green Revolution

भारत में हरित क्रांति गेंहू और चावल उत्पादन के सम्बन्ध में हुई थी। इसकी शुरुआत साल 1966-67 के बीच मानी जाती है।

भारत मे हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन थे। एमएस स्वामीनाथन केरल के एक कृषि वैज्ञानिक थे तथा इन्होने उत्तराखण्ड के पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय मे हरित क्रांति की शुरुआत की थी।

हरित क्रांति के तहत प्रसंसाधित बीजों का प्रयोग, आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल, सिंचाई की व्यवस्था, कृत्रिम खादों एवं कीटनाशकों के प्रयोग आदि से गेहूं और चावल के उत्पादन में वृद्धि लायी गयी।

विश्व स्तर पर हरित क्रांति की शुरुआत साल 1960 मे मेक्सिको में हुई थी। वैश्विक स्तर पर डॉ नॉर्मन बॉरलॉन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है।

वैश्विक स्तर पर भी चावल के उत्पादन मे हरित क्रांति के बाद अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गयी थी। फिलीपींस में चावल की खेती में सबसे अधिक सफलता मिली थी। अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र, मनीला, फिलीपींस में स्थित है।

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