भारतीय दंड संहिता – Indian Penal Code (IPC)
भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (IPC) लागू है।
भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् 1860 में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे ( विशेषकर भारत के स्वतन्त्र होने के बाद)। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों (बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई आदि) में भी लागू की गयी थी। लेकिन इसमें अब तक बहुत से संशोधन किये जा चुके है। भारतीय न्याय संहिता 2023 ने इसे विस्थापित कर दिया।
भारत में अगर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का अपराध करता हैं। तो अपराधी का अपराध देखते हुए उसके लिए धारा तय की जाती हैं। और उस धारा के आधार पर अपराधी को सजा सुनाई जाती हैं। यह धाराएं भारत के प्रत्यके नागरिक के लिए एक समान होती हैं।
फिर वह चाहे कोई भी नेता, अभिनेता या फिर गरीब परिवार का व्यक्ति ही क्यों ना हो। सभी के लिए एक समान धारा लगाई जाती हैं। वैसे भारत के संविधान में काफी सारी धाराएं तय की गई हैं।