संयुक्त राष्ट्र महासचिव (United Nations Secretary-General)
संयुक्त राष्ट्र महासचिव (United Nations Secretary-General) संयुक्त राष्ट्र (UN) का प्रमुख प्रशासक और विश्व शांति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक भूमिका निभाता है। यह पद संयुक्त राष्ट्र के सबसे उच्च-प्रोफ़ाइल और प्रभावशाली पदों में से एक है। नीचे इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई है:
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, महासचिव संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं:
- प्रशासनिक नेतृत्व: संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का संचालन, जिसमें हजारों कर्मचारी विश्व भर में कार्यरत हैं।
- कूटनीति और मध्यस्थता: वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता करना, शांति वार्ताओं को बढ़ावा देना, और देशों के बीच तनाव कम करना।
- वैश्विक मुद्दों पर ध्यान: जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार, शरणार्थी संकट, आतंकवाद, और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर नेतृत्व प्रदान करना।
- रिपोर्टिंग और सलाह: सुरक्षा परिषद और सामान्य सभा को वैश्विक मुद्दों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना और सिफारिशें देना।
- नैतिक अधिकार: महासचिव को “विश्व का नैतिक कम्पास” माना जाता है, जो मानवता के हित में स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकता है।
वर्तमान महासचिव: एंतोनियो गुटेरेस
- नाम: एंतोनियो मैनुएल डी ओलिवेरा गुटेरेस
- राष्ट्रीयता: पुर्तगाली
- कार्यकाल:
- पहला कार्यकाल: 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021
- दूसरा कार्यकाल: 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2026
- पृष्ठभूमि:
- गुटेरेस ने 1995 से 2002 तक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
- 2005 से 2015 तक वे संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) थे, जहाँ उन्होंने वैश्विक शरणार्थी संकटों पर काम किया।
- उनकी नियुक्ति 2016 में हुई, जब सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उन्हें चुना और सामान्य सभा ने अनुमोदन किया।
- प्राथमिकताएँ:
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई।
- लैंगिक समानता और महिलाओं का सशक्तिकरण।
- शांति और संघर्ष निवारण पर जोर, विशेष रूप से युद्धग्रस्त क्षेत्रों में।
- डिजिटल तकनीक और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा देना।
- वैश्विक स्वास्थ्य, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान टीकों की समान पहुंच।
महासचिव का चयन प्रक्रिया
- नियुक्ति: महासचिव की नियुक्ति सामान्य सभा द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर होती है। सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस) के पास वीटो शक्ति होती है, जो चयन प्रक्रिया को जटिल बनाती है।
- कार्यकाल: सामान्यतः 5 वर्ष का कार्यकाल, जिसे एक बार नवीनीकृत किया जा सकता है।
- योग्यता: उम्मीदवार को कूटनीतिक अनुभव, नेतृत्व क्षमता, और वैश्विक मुद्दों की समझ होनी चाहिए। हाल के वर्षों में क्षेत्रीय और लैंगिक विविधता पर भी ध्यान दिया जाता है।
पूर्व महासचिव
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 1945 में हुई थी, और तब से निम्नलिखित महासचिवों ने सेवा की है:
- ट्रिग्वे ली (नॉर्वे, 1946-1952)
- डैग हैमरशोल्ड (स्वीडन, 1953-1961)
- यू थांट (म्यांमार, 1961-1971)
- कुर्ट वाल्डहाइम (ऑस्ट्रिया, 1972-1981)
- जेवियर पेरेज डी कुएयार (पेरू, 1982-1991)
- बुट्रोस बुट्रोस-घाली (मिस्र, 1992-1996)
- कोफी अन्नान (घाना, 1997-2006)
- बान की-मून (दक्षिण कोरिया, 2007-2016)
- एंतोनियो गुटेरेस (पुर्तगाल, 2017-वर्तमान)
चुनौतियाँ
- राजनीतिक दबाव: महासचिव को शक्तिशाली देशों के बीच संतुलन बनाना पड़ता है, खासकर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच।
- सीमित शक्ति: महासचिव के पास कार्यकारी शक्ति सीमित होती है, और वे केवल सलाह दे सकते हैं या मध्यस्थता कर सकते हैं।
- वैश्विक संकट: युद्ध, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक असमानता जैसे जटिल मुद्दों से निपटना।
- वित्तीय संकट: संयुक्त राष्ट्र को अक्सर सदस्य देशों से धन की कमी का सामना करना पड़ता है।
उपलब्धियाँ (गुटेरेस के संदर्भ में)
- शांति प्रयास: यमन, सूडान, और अन्य क्षेत्रों में शांति वार्ताओं में मध्यस्थता।
- जलवायु कार्रवाई: COP सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक सहमति बनाने का प्रयास।
- कोविड-19 प्रतिक्रिया: वैश्विक टीकाकरण अभियान (COVAX) को समर्थन और महामारी से निपटने के लिए नीतियाँ।
- सतत विकास: 2030 एजेंडा और SDGs को लागू करने के लिए प्रयास।
महासचिव का महत्व
महासचिव न केवल एक प्रशासक है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक प्रतीकात्मक और नैतिक आवाज भी है। वे विश्व नेताओं को एकजुट करने, संघर्षों को कम करने, और मानवता के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।