What is the coating of zinc on iron water pipes to protect them from rust called?
जंग से बचाने के लिए लोहे से बनी पानी के पाइपों पर जस्ते की परत चढ़ाने को यशदीकरण (Galvanization) कहते हैं ?
यशदीकरण (Galvanization) या गैल्वानीकरण या यशदलेपन एक धातुकार्मिक प्रक्रम है जिसमें इस्पात या लोहे के उपर जस्ते की परत चढ़ा दी जाती है। इससे इन धातुओं का क्षरण (विशेषत: जंग लगना) रूक जाता है। यद्यपि यशदीकरण की प्रक्रिया स्वयं एक गैर-विद्युतरासायनिक प्रक्रिया है किन्तु फिर भी यह प्रक्रिया एक विद्युतरासायनिक उद्देश्य की पूर्ति करती है। यह प्रकिया अधिकांश यूरोपीय भाषाओं मे गैल्वेनाइजेशन कहलाती है और इसका यह नाम इतालवी वैज्ञानिक लुईगी गैल्वानी के नाम पर पड़ा है।
इस्पात को पिघले हुए जस्ते में डुबाकर संरक्षित करने की प्रक्रिया 150 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। इस प्रक्रिया का आविष्कार सन 1837 में पेरिस के मोसियर स्तैनिस्लास सोरेल (Monsieur Stanislas Sorel) ने किया था।
यशदी इस्पात
सादे इस्पात के बने हुए पतले तारों और चादरों को संक्षरण (corrosion) से बचाने के लिये इसे किसी संक्षरणरोधी धातु की पतली परत से ढका जाता है। इस कार्य के लिये जो धातुएँ उपयोग में आती हैं उनमें जस्ता और वंग (टिन) मुख्य हैं। जस्ता सबसे सस्ती धातु पड़ती है।
यशदीकरण की विधियाँ
इस्पात पर जस्ता चढ़ाने की चार विधियाँ हैं :
1-उष्ण निमज्जन प्रक्रिया (Hot Dip process)
2-विद्युत-अपघटनी यशदलेपन (Electrolytic Zinc Plating)
3-शेरार्डीकरण (Sherardising)
4-उष्ण धातु की फुहार (Spraying of Hot Metal)