जब इंसान जिंदा होता तो उसके मन की बात समझने वाला कोई नहीं होता। लेकिन जब इंसान मर जाता है तो ….

जब इंसान जिंदा होता तो उसके मन की बात समझने वाला कोई नहीं होता। लेकिन जब इंसान मर जाता है तो .... जब इंसान जिंदा होता है और अपने मन की बात किसी से कहता है तो उसे समझने वाला कोई नहीं होता। जब इंसान मर जाता है तो लोग कहते हैं - काश अपनी समस्या मुझसे कह देता तो मै मदद कर देता ... ये सब फ़र्ज़ी लोग हैं कोई किसी की मदद या दया नहीं करता। अपना दुःख खुद ही झेलना पड़ता है। अपनी मदद खुद ही करनी पड़ती है।

जब इंसान जिंदा होता है और अपने मन की बात किसी से कहता है तो उसे समझने वाला कोई नहीं होता।

जब इंसान मर जाता है तो
लोग कहते हैं – काश अपनी समस्या मुझसे कह देता तो मै मदद कर देता …

ये सब फ़र्ज़ी लोग हैं

कोई किसी की मदद या दया नहीं करता।

अपना दुःख खुद ही झेलना पड़ता है।

अपनी मदद खुद ही करनी पड़ती है।

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