दूध का रंग सफेद क्यों होता है?
केसीन के कारण दूध का रंग सफेद होता है।
केसीन प्रोटीन एक फास्फो प्रोटीन है जो आमतौर पर स्तनधारियों के दूध में पाया जाता है यह प्रोटीन गाय के दूध में लगभग अस्सी 80% तथा मानव दूध में 20% पाया जाता है व्हे प्रोटीन से अलग, केसीन एक धीमी पचने वाला प्रोटीन है जिसका उपयोग लोग अक्सर सप्लीमेंट के रूप में करते हैं यह अमीनो एसिड को धीरे -धीरे छोड़ता है इसलिए अक्सर लोग इसे सोने से पहले इस्तेमाल करते हैं यह मांसपेशियों के ब्रेक होने को कम करने में मदद करता है।
प्रोटीन:- प्रोटीन जीवित प्रणाली के सबसे प्रचुर जैव-अणु हैं।
- सभी प्रोटीन α-अमीनो अम्लों के बहुलक होते हैं।
- प्रोटीन के प्रमुख स्रोत दूध, पनीर, दालें, मूंगफली, मछली, मांस आदि हैं।
- वह शरीर के प्रत्येक हिस्से में होता हैं और जीवन की संरचना और कार्यों का मूल आधार बनता हैं।
व्याख्या:
दूध:
- दूध स्तनधारियों की स्तन ग्रंथियों द्वारा उत्पादित पोषक तत्वों से भरपूर तरल अहार है।
- इससे पहले कि वे ठोस भोजन पचा सकें, यह एक युवा स्तनपायी के पोषण के मुख्य स्रोत के रूप में कार्य करता है।
केसीन:
- दूध में केसीन नामक प्रोटीन होता है जो दूध को सफेद रंग प्रदान करता है।
- गाय के दूध में 80 प्रतिशत या इससे भी अधिक प्रोटीन, केसीन माना जाता है।
- केसीन प्रोटीन से शरीर को मांसपेशियों की वृद्धि के लिए आवश्यक सभी अमीनो अम्ल प्राप्त होते हैं।
- अन्य प्रोटीनों की तुलना में केसीन प्रोटीन अधिक धीमी गति से पचता है।
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