टमाटर का लाल रंग क्यों होता है?
टमाटर का लाल रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है?
टमाटर का लाल रंग कैरोटीनॉयड लाइकोपीन के कारण होता है। टमाटर में इसका निर्माण, क्लोरोफिल के पकने से होता है। हरे रंग का टमाटर पकने के बाद लाल हो जाता है क्योंकि क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश से लाइकोपिन में बदल जाता है। टमाटर का पुराना वनस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटम मिल है। अब इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहते हैं।
टमाटर दुनिया भर में पाए जाने वाले सब्जियों में से एक है। इसकी सबसे पहले उपज दक्षिणी अमेरिका में हुआ था। फिर वहीँ, मक्सिको में इसे भोजन के रूप में उपयोग करने का चलन बढ़ गया। शुरू शुरू में जब टमाटर उगाया जाता है तो इसका रंग हर होता है, लेकिन इसके पकने के बाद इसका रंग लाल हो जाता है। इसके लाल होने कारण लाइकोपीन होता है।
कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके लिए टमाटर अनिवार्य सब्जी है जो बिना टमाटर के खाना पकाने भी नहीं कर चाहते। टमाटर जब शुरू में कच्चा होता है, तो उसका रंग हरा होता है। यह हरा रंग, टमाटर में मौजूद क्लोरोफिल (Chlorophyll) के कारण होता है।
क्लोरोफिल ही पौधों के और पेड़ के हरे होने का कारण भी है। सूर्य के प्रकश में धीरे-धीरे टमाटर पकने लगते हैं। जिससे क्लोरोफिल धीरे-धीरे लाइकोपीन में बदल जाते हैं। लाइकोपिन का रंग लाल होता है। यही कारण है कि हरे टमाटर पकने पर लाल हो जाते है।
दुनिया भर के समशीतोष्ण जलवायु में टमाटर के पौधों की कई किस्में व्यापक रूप से उगाई जाती हैं, जिसमें ग्रीनहाउस पूरे वर्ष टमाटर उत्पादन की अनुमति देते हैं। टमाटर के पौधे सड़ी हुई लताएँ हैं जो जमीन से 180 सेमी (6 फीट) या अधिक ऊपर बढ़ती हैं यदि समर्थित हो, हालांकि खड़ी झाड़ियों की किस्में पैदा की गई हैं जो आमतौर पर 100 सेमी (3 फीट 3 इंच) लंबी या छोटी होती हैं।